Tuesday, July 27, 2010

La Lucha Continua

गुड गवर्नेंस ।

नरेन्द्र मोदी की बात करते हुए अक्सर विकास और तरक्की की बात होती है। ऐसी ही बातें छत्तीसगढ़ के बारे में भी होती हैं। हिटलर के बारे में भी यह बात कही जाती थी। हमारे मुल्क में अभी हाल तक हिटलर का नाम लेकर जर्मन लोगों की कार्यकुशलता की प्रशंसा करने वाले लोगों की बड़ी भीड़ रही है।

इस तरह तानाशाहों और हत्यारों के प्रचार में पूंजीवादी व्यापारी वर्गों की भूमिका बहुत बड़ी है। स्पेन के गृह युद्ध के दौरान व्यापारी वर्गों ने तानाशाह का खुल कर साथ दिया था। कहने को पश्चिमी मुल्कों ने (जर्मनी के अलावा) फ्रांको की सरकार के खिलाफ नाकाबंदी की हुई थी, पर असल में यह नाकाबंदी सिर्फ उन अन्तर्राष्ट्रीय स्वैच्छिक सिपाहियों के खिलाफ थी जो स्पेन की लोकतान्त्रिक ताकतों के साथ मिल कर लड़ना चाहते थे। आखिरकार लोकतान्त्रिक ताकतों की हार हुई थी और फ्रांको लम्बे समय तक निरंकुश शासन करता रहा।

२००२ से लेकर आज तक एक के बाद एक नृशंस हत्याओं के होते रहने और अनगिनत मानव अधिकार कार्यकर्त्ताओं के अथक परिश्रम से तैयार व्यापक जनमत के बावजूद और विश्व भर में निंदा होने पर भी मोदी अभी भी सत्ता में है। यह हमारी सभ्यता के मानव विरोधी पक्ष की पहचान है।

अमित शाह को जेठमलानी छुड़वा ले जाएगा और बीजेपी वाले सीना ठोक कर कहेंगे कि क्या कर लोगे। पर भले लोग उम्मीद नहीं छोड़ सकते। न ही हमें लोकतंत्र पर आस्था खोनी है। इसलिए मन ही मन कहते हैं - La Lucha Continua संघर्ष जारी है।

1 comment:

प्रदीप कांत said...

२००२ से लेकर आज तक एक के बाद एक नृशंस हत्याओं के होते रहने और अनगिनत मानव अधिकार कार्यकर्त्ताओं के अथक परिश्रम से तैयार व्यापक जनमत के बावजूद और विश्व भर में निंदा होने पर भी मोदी अभी भी सत्ता में है। यह हमारी सभ्यता के मानव विरोधी पक्ष की पहचान है।

यही तो है... । क्या किया जाए?